False Shri Yantra

Drawing an accurate Shri Yantra is a complex process, and errors can result in harmful forces. False patterns lack proper alignment and can emit negative energies.

Worshiping such false Shri Yantras can lead to destructive energy rather than positivity. If you suspect your Yantra is false, it's crucial to discontinue the practice immediately.

Unfortunately, many Shree Yantras available on the market are false, defective, and incorrect in shape, which can lead to significant troubles.

Adverse Effects of False Shri Yantra

When the Shri Yantra is inaccurate or false, it can lead to various adverse effects that disrupt harmony and balance in life. Here are some of the repercussions:

Financial Insecurity

Incorrect energies from the Shri Yantra may lead to financial instability and insecurity.

Emotional Insecurity

Misaligned energies can disturb emotional well-being, causing insecurity and unrest.

Discomforts in Life

False Shri Yantras may bring about discomforts and challenges in various aspects of life.

Anger & Enmity

Imbalanced energies can contribute to feelings of anger and animosity in relationships.

Karma Imbalance

Incorrect alignment of the Shri Yantra may disrupt the balance of karmic energies, leading to unexpected consequences.

Energy Imbalance

A false Shri Yantra can disrupt the natural flow of energy, resulting in imbalance and disharmony in life.

It's crucial to ensure the authenticity and accuracy of the Shri Yantra to avoid these adverse effects and harness its positive energies effectively.

Follow these 10 tips for assured benefits

  • श्रीयंत्र हर दिशा से समरूप और संतुलित होना चाहिए।
  • श्रीयंत्र की ऊंचाई, चौड़ाई, वजन, धातु और संतुलन निर्धारित किए हुए निर्देशों के अनुसार होने चाहिए।
  • श्रीयंत्र में कहीं भी Bolt, Plates, Welding या Screw नहीं होने चाहिए।
  • श्रीयंत्र को अपने जन्म नक्षत्र और जन्म तिथि के दिन सिद्ध करके अपने घर लाए। श्रीयंत्र खरीदने के लिए पूर्णिमा, संक्रांति या अष्टमी भी शुभ मानी गई है। सोमवार, गुरुवार, शुक्रवार और रविवार भी शुभ माने गए हैं।
  • अपनी बहन, बेटी या माता को श्रीयंत्र भेंट देने से लक्ष्मी कृपा अवश्य होती है।
  • अगर श्रीयंत्र 100% Accurate है तो ही उसे रखना चाहिए अन्यथा गलत श्रीयंत्र के विपरीत प्रभाव मिलते है।
  • श्रीयन्त्र को कभी भी लॉकेट, घड़ी, ब्रेसलेट, पैंडंट या तावीज़ बनाकर नहीं पहनना चाहिए।
  • श्रीयंत्र को घर लाते समय या स्थापित करते समय उत्साह, आनंद और गरबा के साथ ढोल-थाली या शँख बजाना चाहिए।
  • श्रीयंत्र अगर लकड़े का, भूपृष्ठ हो, या कूर्मपृष्ठ हो तो उसका अभिषेक नहीं किया जा सकता । इसीलिए श्रीयंत्र धातु का बना होना चाहिए।
  • स्फ़टिक के श्रीयंत्र बहुत नाजुक होते है। अगर ठीक से संभाला नहीं गया तो वे crack भी हो सकते हैं। इसीलिए श्रीयंत्र धातु का बना होना चाहिए।